TPSDI

टीपीएसडीआई मुख्य समाचार और गतिविधियाँ -

  • टीपीएसडीआई ने पीडब्ल्यूडी सुपरवाइजरी लाइसेंस के लिए शुरू किया कोर्स   आगे पड़ें...
  • टीपीएसडीआई जोजोबेरा का उद्धाटन   आगे पड़ें...
  • इनोवेशन@टीपीएसडीआई- HHAT   आगे पड़ें...
  • टीपीएसडीआई ने क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण के लिए 2017 का सीबीआईपी पुरस्कार जीता   आगे पड़ें...
  • टीपीएसडीआई में भूटान सरकार के प्रतिनिधिमंडल का दौरा   आगे पड़ें...

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टाटा पॉवर स्किल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (टीपीएसडीआई), टाटा पॉवर कंपनी के कार्यक्रमों के अंतर्गत एक पहल है जिसका उद्देश्य युवाओं में रोजगार-योग्य कौशल को विकसित करना, और भारतीय विद्युत क्षेत्र में कुशलता की कमी को पूरा करना है।

यह संस्थान, विद्युत और उस से जुड़े हुए अन्य क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए मॉड्यूलर प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करता है।

टीपीएसडीआई का उदघाटन टाटा पॉवर कम्पनी के शताब्दी वर्ष समारोह के उपलक्ष में 9 फ़रवरी 2015 को टाटा समूह के अध्यक्ष द्वारा किया गया।

टीपीएसडीआई ने देश में टाटा पॉवर और उसके जेवी/अनुषांगी कम्पनियों की उपस्थिति का लाभ उठाते हुए पांच प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की है:

  • शाहाड़ - मुंबई, महाराष्ट्र
  • ट्रॉम्बे - मुंबई, महाराष्ट्र
  • मैथन - धनबाद, झारखंड
  • मुंद्रा - कच्छ, गुजरात
  • दिल्ली – सीईएनपीआईईडी, टीपीडीडीएल के सहयोग में, जो कि बिजली वितरण क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए एक प्रमुख संस्थान है।

संस्थान की अनूठी प्रशिक्षण पद्धति को फुर्ती, पैमाने, और स्तरों के साथ कौशल प्रदान करने के लिए ख़ास तौर पे बनाया गया है।

संस्थान के रोजगार-केंद्रित कोर्सेस की अवधि 2 से 12 सप्ताह की होती है और वे टीपीएसडीआई कम्पीटेन्सी फ्रेमवर्क का पालन करते हैं, जो कि नेशनल स्किल क्वालिटी फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप ढाला गया है। टीपीएसडीआई कम्पीटेन्सी फ्रेमवर्क की सहायता से शिक्षार्थी लाभकारी कौशल फुर्ती से सीख सकते हैं और उसे अपने हिसाब से कुछ अंतरालों के बाद लंबे समय तक बढ़ाते भी रह सकते हैं।

(टीपीएसडीआई) में प्रशिक्षण, प्रशिक्षार्थियों के सम्पूर्ण विकास को सुनिश्चित करता है। तकनीकी कौशल के साथ, कौशल निर्माण के अन्य पहलूओं पर भी ध्यान दिया जाता है जैसे गणित, विज्ञान, बुनियादी आईटी, व्यवसाय की समझ, बोल चाल, व्यवहार, पर्सनलिटी डेवलपमेन्ट, कार्य संबंधी नैतिकता, और सेक्टर की विशिष्ट आवश्यकता का ख्याल रखते हुए सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण (एसएचई) पर अतिरिक्त जोर देता है। प्रशिक्षण में ज्ञान और हाथ का हुनर, दोनों शामिल होते हैं।

संस्थान गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) वालों और समाज के वंचित वर्गों के सदस्यों को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेष तौर से प्रदान करने के लिए अधिक जागरूकता के साथ काम करता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसके परिणाम स्वरूप, भारत में विभिन्न क्षेत्रों में एक जबरदस्त दर से कुशल कार्यबल की मांग बढ़ रही है। भारतीय पॉवर सेक्टर, घरेलू और औद्योगिक उपभोगताओं, दोनों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए, पॉवर उत्पादन, संचरण और वितरण क्षमता में एक भारी वृद्धि की ओर अग्रसर है। इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा भी 2022 तक नवीकरणीय स्रोतों से 175 गीगा वाट की बिजली उत्पादन क्षमता को लगाने पर जोर दिया जा रहा है। इस सब को देखते हुए, पॉवर सेक्टर को 2022 तक कुल 20 लाख से अधिक अतिरिक्त कुशल तकनीकी कार्यबल की जरूरत का अनुमान है।

आपूर्ति की तरफ देखें तो, भारत की जनसंख्या में वृद्धि जारी है और दुनिया में काम करने की आयु समूह वाले लोग आज हमारे देश में सबसे बड़ी संख्या में हैं। हालांकि, भारत के विशाल कार्यबल के एक महत्वपूर्ण भाग में शिक्षा की कमी, और प्रशिक्षण सुविधाओं की कमी के कारण रोजगार-योग्य कौशल का अभाव है। यह रोज़गार हासिल करने के लिए एक बड़ी मुश्किल पैदा कर देता है। कौशल में यह कमी मौजूदा कार्यबल में भी है, यहां तक कि पॉवर क्षेत्र के कार्यबल में भी।

टीपीएसडीआई लोगों को सही रोजगार-योग्य कौशल प्रदान करता है और उन्हें बढ़ती अर्थव्यवस्था में उभरते अवसरों का लाभ उठाने के लिए सक्षम बनाता है। साथ ही साथ यह पॉवर सेक्टर में फैली कुशलता की कमी को पूरा करने की दिशा में भी काम करता है। संस्थान की मॉड्यूलर पद्धति, कुशलता प्राप्ति को संम्भव बनाती है।

टीपीएसडीआई सभी पक्षों के लिए लाभप्रद प्रस्ताव प्रदान करता है:

लाभार्थी

लाभार्थी - शिक्षार्थी

उदाहरण
  • पॉवर और संबद्ध क्षेत्रों में मौजूदा कार्यबल
  • कार्यबल में महिलाओं सहित नए लोग,
  • आईटीआई और अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों के छात्र
  • कक्षा दसवीं और बारहवीं छोड़ चुके छात्र
  • प्रवासी कर्मी और शहरी गरीब
  • असंगठित क्षेत्र में कार्यबल
  • ग्रामीण युवा
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य
लाभ:

शिक्षार्थी कौशल विकास कार्यक्रमों में दाखिला लेकर निम्नलिखित प्रकारों से लाभ उठा सकते हैं:

  • प्रशिक्षण, पुनः प्रशिक्षण एवं अतिरिक्त प्रशिक्षण ले कर
  • प्रमाणन ले कर
  • पूर्व प्रशिक्षण को आरपीएल के ज़रिये मान्य करा कर
  • प्लेसमेंट सहायता के ज़रिये
  • स्किल रजिस्ट्री के ज़रिये

लाभार्थी - उद्यम

उदाहरण
  • मुख्य कंपनियां
  • सर्विस प्रोवाइडर्स
  • लघु और मध्यम पैमाने के ठेकेदार
लाभ:

विभिन्न प्रकार के उद्यम निम्नलिखित प्रकारों से लाभान्वित हो सकते हैं

  • कार्यबल को टीपीएसडीआई द्वारा प्रशिक्षित और प्रमाणित करा कर
  • कैम्पस भर्ती में भाग लेकर
  • रिक्त पदों की पूर्ति के लिए टीपीएसडीआई स्किल रजिस्ट्री का उपयोग कर के
  • अपनी खास जरूरतों के लिए अनुकूलित प्रशिक्षण की मांग करके

लाभार्थी - सहभागी (पार्टनर्स)

उदाहरण
  • सरकारी और गैर सरकारी प्रशिक्षण संस्थान
  • अन्य सभी प्रकार के पार्टनर्स जैसे कि एनजीओ, एनपीओ, और अन्य नागरिक समाज संस्थाएं
  • ग्राहक/उपयोगकर्ता
लाभ:

पार्टनर्स निम्नलिखित तरीकों से लाभान्वित हो सकते हैं:

  • अपने क्षेत्र में विस्तार के लिए टीपीएसडीआई के साथ हाथ मिला कर
  • कौशल विकास के लिए टीपीएसडीआई सुविधाओं और प्रशिक्षण संसाधनों के उपयोग द्वारा

लाभार्थी - उपभोक्ता

उदाहरण
  • ग्राहक/उपयोगकर्ता
लाभ:

उपभोक्ता निम्न के द्वारा लाभ प्राप्त कर सकते हैं:

  • बेहतर सेवाओं और गुणवत्ता के द्वारा ज़्यादा कारगर कामगारों की सेवा से
Power Skills for Life